वो मुझे नहीं पहचानता
मेरा नाम भी नहीं जानता
फिर भी
जब कभी उसके पास जाता हूँ
वो मुझे देखकर मुस्कराता है
हाल-चाल पूछता है
मुस्कुराते हुए हर बार मैं भी जवाब दे देता हूँ
और बिना किसी संशय के
उसे धारदार हथियार चलाने की इजाजत भी
उसके गर्दन के पास से गुजरने के बावजूद
तनिक भी भय नहीं होता मुझे
सोचता हूँ __
कितना अच्छा होता
दुनिया के सारे लोग नाई के जैसे विश्वसनीय होते
Written by आदित्य रहबर
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